दिग्गज अभिनेत्री जया भादुड़ी का जन्म 9 अप्रैल 1948 को बंगाली परिवार में हुआ। 15 वर्ष की उम्र में ही सत्यजीत रे ने उन्हें अपनी एक बंगाली फिल्म में मौका दे दिया। नौ फिल्मफेयर अवॉर्ड्स हासिल कर चुकीं जया पद्मश्री भी हैं और पिछली सदी में सिनेमा के सबसे बड़े सितारे कहलाए अमिताभ बच्चन की भाग्यलक्ष्मी भी। जी हां, जया से शादी करने के बाद ही अमिताभ बच्चन की किस्मत ने पलटा खाया और वह सुपरस्टार बने। बहुत कम लोगों को पता है कि अमिताभ बच्चन को शहंशाह का तमगा जिस फिल्म से मिला, उस फिल्म की स्क्रिप्ट जया बच्चन ने ही लिखी थी। जिंदगी के हर क्षेत्र में सफल रहीं जया बच्चन के ये हैं 10 दमदार किरदार।
किरदार- कुसुम/गुड्डी
फिल्म- गुड्डी (1971)
जया बच्चन की यह पहली हिंदी फिल्म है। फिल्म में एक स्कूलगर्ल की भूमिका निभाई है जिसे सुपरस्टार धर्मेंद्र से प्यार हो जाता है। फिल्म में धर्मेंद्र ने अपना ही किरदार निभाया है। फिल्म की कहानी में धीरे-धीरे गुड्डी को अहसास होता है कि सिनेमा की दुनिया और असल जिंदगी में फर्क होता है। इस फिल्म के लिए जया बच्चन को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के तौर पर नामांकित किया गया था। फिल्म का निर्देशन ऋषिकेश मुखर्जी ने तो वहीं लेखन गुलजार ने किया था। यह फिल्म लोगों द्वारा पसंद की गई जिसपर आगे चलकर तमिल फिल्म भी बनी।
साल 1972 में रिलीज हुई इस फिल्म में जया बच्चन और संजीव कुमार मुख्य किरदारों में थें। यह हिंदी सिनेमा जगत की यादगार फिल्मों में एक है। फिल्म में बहरे और गूंगे कपल की कहानी दर्शायी गई है कि किस तरह दोनों अपनी मोहब्बत और संघर्ष के चलते पूरे समाज का मुकाबला करते हुए आगे बढ़ते हैं। यह एक जापानी फिल्म से प्रभावित थी। फिल्म का निर्देशन और लेखन गुलजार ने किया था। वहीं फिल्म का संगीत मदन मोहन ने दिया था। इस फिल्म के लिए भी जया बच्चन को फिल्मफेयर के सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था।
फिल्म- अभिमान (1973)
इस फिल्म के लिए जया बच्चन ने पहली बार फिल्मफेयर का सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार अपने नाम किया था। यह एक हिंदी म्यूजिकल ड्रामा फिल्म है जिसमें अमिताभ बच्चन, जया बच्चन, असरानी और बिंदु मुख्य किरदारों में नजर आए। फिल्म में जहां अमिताभ बच्चन ने सुबीर नामक एक गायक का किरदार अदा किया है वहीं जया बच्चन गांव की एक लड़की के रोल में हैं जिसे गाने का शौक होता है। दोनों को एक दूसरे से प्यार हो जाता है और शादी के बाद दोनों ही बंबई आ जाते हैं। यहां आकर दोनों संगीत की दुनिया में अपनी किस्मत आजमाने की कोशिश में लग जाते हैं जिसके चलते दोनों की जिंदगियों में कुछ उतार-चढ़ाव भी आते हैं। फिल्म का निर्देशन ऋषिकेश मुखर्जी ने किया था। यह फिल्म अपने गानों के लिए भी खूब सराही गई जिसे एस डी बर्मन ने कंपोज किया था।
फिल्म- कोरा कागज (1974)
यह फिल्म उस साल की सुपरहिट फिल्मों में शुमार है जिसने सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री से लेकर सर्वश्रेष्ठ गायिका समेत तमाम दूसरे पुरस्कार भी अपने नाम किए। इस फिल्म में जया बच्चन की जोड़ी विजय आनंद के साथ नजर आई। दोनों की मुलाकात बंबई की एक बस में होती है जहां से धीरे धीरे दोनों का प्यार परवान चढ़ने लगता है और दोनों शादी के बंधन में बंध जाते हैं। हालांकि फिर दोनों की रिश्ते में दरार आने लगती है और दोनों अलग हो जाते हैं। हालांकि बस से शुरू हुआ सिलसिला रेलवे स्टेशन के वेटिंग रूम से फिर अपनी रफ्तार में आ जाता है। फिल्म में जया बच्चन ने पहले और तकरार की परिस्थितियों में फंसी लड़की का अच्छा किरदार निभाया है जिसके लिए उन्हें करियर में दूसरी बार फिल्मफेयर के सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार से नवाजा गया।
फिल्म- चुपके चुपके (1975)
यह एक कॉमेडी फिल्म है जिसमें धर्मेंद्र, शर्मिला टैगोर, अमिताभ बच्चन, जया बच्चन मुख्य किरादरों में दिखे। फिल्म में जया बच्चन ने बहुत ही दिलचस्प किरदार निभाया है जो एक छात्रा होती है और अमिताभ बच्चन से क्लास लेते लेते उनसे प्यार करने लगती है। फिल्म का निर्देशन ऋषिकेश मुखर्जी ने किया था। यह फिल्म आज भी लोगों की पंसदीदा फिल्मों में शुमार है।
फिल्म- नौकर (1979)
यह फिल्म जया बच्चन के अभिनय के मामले में सर्वश्रेष्ठ फिल्मों में शुमार की जाती है। इस फिल्म में जया बच्चन ने एक नौकरानी का किरदार निभाया था। फिल्म में उनकी जोड़ी संजीव कुमार के साथ सजी है। फिल्म में जया बच्चन का अभिनय इतना शानदार था कि उन्होंने करियर का तीसरा फिल्मफेयर का सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार अपने नाम कर लिया। फिल्म का निर्देशन स्माइल मेमन ने किया था।
फिल्म-सिलसिला (1981)
यह हिंदी रोमांटिक फिल्म है जिसका निर्देशन यश चोपड़ा ने किया था। फिल्म में अमिताभ बच्चन, जया बच्चन, रेखा, शशि कपूर और संजीव कुमार मुख्य किरदारों में दिखे। इस फिल्म को लेकर निर्देशक यश चोपड़ा ने खुलासा किया था कि उन्होंने जया बच्चन और रेखा की जगह पहले स्मिता पाटिल और परवीन बॉबी को साइन किया था लेकिन अमिताभ बच्चन से सलाह मशविरा के बाद उन्होंने जया बच्चन और रेखा को चुना। यह रेखा और अमिताभ बच्चन की साथ में आखिरी फिल्म रही। इस फिल्म को क्लासिक फिल्म का तमगा तो हासिल हुआ लेकिन फिल्म बॉक्स ऑफिस पर असफल साबित हुई थी।
फिल्म- फिजा (2000)
फिल्म में जया बच्चन ने करिश्मा कपूर और ऋतिक रोशन की मां का किरदार निभाया है। फिल्म की कहानी 1993 में हुए मुंबई दंगे में गायब हुए अमान (ऋतिक) के इर्द-गिर्द घूमती है जिसे ढूंढने के लिए उसकी बहन और मां जी-जान लगा देते हैं। इस फिल्म के लिए जया बच्चन को सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का फिल्मफेयर पुरस्कार हासिल हुआ था।
फिल्म- कभी खुशी कभी गम (2001)
यह एक पारिवारिक हिंदी फिल्म है जिसें दर्शकों ने खूब पसंद किया। फिल्म में अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान, जया बच्चन, काजोल, ऋतिक रोशन और करीना कपूर अहम किरदारों में हैं। करण जौहर निर्देशित यह फिल्म एक परिवार के बनते बिगड़ते रिश्ते पर आधारित है। फिल्म में जया बच्चन ने अमिताभ बच्चन की पत्नी और शाहरुख खान की मां का किरदार निभाया है।
फिल्म-कल हो ना हो (2003)
यह एक रोमांटिक कॉमेडी ड्रामा फिल्म है जिसमें शाहरुख खान, प्रीति जिंटा और सैफ अली खान लीड रोल में हैं। फिल्म में जया बच्चन ने प्रीति जिंटा की मां का किरदार निभाया है। फिल्म की कहानी करण जौहर ने लिखी थी वहीं इस फिल्म को करण ने अपने पिता यश जौहर के साथ मिलकर प्रोड्यूस किया था। फिल्म की कहानी से लेकर अभिनय और गानों को दर्शकों से अच्छी प्रतिक्रिया हासिल हुई थी।